नर्मदापुरम / आये तो थे टाईगर एवं अन्य वन्य प्राणियों से साक्षात्कार करने लेकिन अपनी जंगल सफारी करने के बाद पर्यटकों ने अपनी होटल के प्रांगण में एक स्थान पर ही रहकर पृथ्वी की परिधि की लंबाई माप ली । नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू द्वारा मध्यप्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल मढ़ई रिवरसाईड लॉज प्रांगण में आयोजित प्रयोग में देश के विभिन्न राज्यों से पर्यटकों ने पृथ्वी की परिधि मापने के लिए 23 सौ साल पहले ग्रीक एस्ट्रोनॉमर इरेटोस्थेनीज के प्रयोग का इस्तेमाल किया । इससे पृथ्वी की परिधि का मान 40,696 किमी ज्ञात किया। जो कि वास्तविक मान 40,075 किमी के काफी करीब था । सारिका द्वारा आयोजित प्रयोग में सुबह 11:30 बजे 4 फीट के पाईप को सीधा खड़ा करके उसकी बनने वाली छाया की लंबाई को हर 5 मिनिट बाद मापा । 12:20 पर बनी सबसे छोटी छाया के कोण को चांदे की मदद से मापा गया । इस कोण और मकर रेखा से मढ़ई की दूरी के अनुपात की 360 डिग्री कोण तथा पृथ्वी की परिधि से तुलना की। सारिका ने बताया कि आज विटर सोलिस्टिस की खगोलीय घटना के दिन मकर रेखा पर सूर्य की किरणें ठीक लंबवत पड़ रहीं थी। तो वहां से 5,087 किमी की एयर डिस्टेंस पर जब मढ़ई में पाईप की छाया मापी गई तो कोण का मान लगभग 45 डिग्री मिला। इस कोण और मकर रेखा की दूरी के अनुपात की गणना से बिना कदम बढ़ाये पर्यटकों ने पृथ्वी की परिधि की गणना की । पर्यटकों ने प्रयोग से जाना कि अगर पृथ्वी की परिक्रमा करने का पर्यटन करना हो तो चलना होगा 40,000 किमी से कुछ अधिक ।
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