टीकमगढ़। कलेक्टर विवेक श्रोत्रिय की अध्यक्षता में 09 जुलाई 2025 को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला पुरातत्व, पर्यटन एवं सांस्कृतिक परिषद डीएटीसीसी की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा की गई तथा पीपीटी के माध्यम से जिले में पर्यटन की संभावनों के संबंध में प्रजेन्टेषन दिया गया तथा सभी का अभिमत लिया गया।
इस अवसर पर टीकमगढ़ विधायक यादवेन्द्र सिंह बुन्देला, श्रीमती सरोज राजपूत, पूर्व टीकमगढ़ विधायक केके श्रीवास्तव, राकेष गिरि गोस्वामी, विवेक चतुर्वेदी, नगर पालिका अध्यक्ष टीकमगढ़ अब्दुल गफ्फार पप्पू मलिक, अन्य जनप्रतिनिधिगण, गणमान्यजन, जिला पंचायत सीईओ नवीत कुमार धुर्वे, संयुक्त कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह, नगर पालिका टीकमगढ़ सीएमओ ओमपाल सिंह भदौरिया सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे। बैठक में कलेक्टर श्री श्रोत्रिय ने जिले में पर्यटन विकास के संबंध में प्रषासन द्वारा किये गये कार्याें की जानकारी साझा करते हुये कहा कि जिले की ऐतिहासिक धरोहर तालकोठी को हेरिटेज लाइब्रेरी एवं उसे यथावत रूप में रखते हुये सांस्कृतिक केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा। इसके लिये तालकोठी का डीपीआर तैयार कर शासन को भेजा जा रहा है, स्वीकृति मिलते ही कार्य प्रारंभ कराया जायेगा।श्री श्रोत्रिय ने कहा कि महेन्द्र सागर तालाब में बोट क्लब, वाटर स्पोर्टस प्रारंभ कराने पर भी विचार किया जा रहा है, जिस पर सभी जनप्रतिनिधियों से उनके सुझाव लिये गये तथा महेन्द्र सागर तालाब में शुरूआत में तीन माह के वाटर स्पोर्टस प्रोजेक्ट सभी जनप्रतिनिधियों द्वार सहमति प्रदान की गई। साथ ही महेन्द्र सागर तालाब के लंका क्षेत्र को फूड कोर्ट या रेस्टोरेन्ट को नगर पालिका के माध्यम से विकसित करने हेतु भी सुझाव रखा गया, जिस पर सभी जनप्रतिनिधियों ने सहमति जताई। श्री श्रोत्रिय ने कहा कि जिले में पर्यटन और बुन्देली संस्कृति की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि जिले में कला एवं संस्कृति से संबंधित नागरिकों को चिन्हित किया जाये व उनको कला क्षेत्र में आगे बढ़ाया जाये, जिससे जिले में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि कुण्डेष्वर के पास वन विभाग का खैराई वन है, जिसे वन विभाग के सहयोग से वन्य प्राणी अनुभव क्षेत्र के रूप में पर्यटन हेतु विकसित करने की कार्ययोजना है, जिसे आप सभी के अभिमत से तैयार कर विकसित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि शहर में बुंदेली हाट की प्रचुर संभावनायें है, जिससे स्थानीय षिल्पकारों और कलाकारों के लिये पीतल, हस्तनिर्मिट टेराकोटा, बेंत-बांस षिल्प, पारंपरिक वस्त्रों आदि का प्रदर्षन तथा विक्रय का प्लेटफाॅर्म उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि शहर में क्राफ्ट मार्केट स्थापित किया जाये साथ ही क्राफ्ट आर्ट का उपयोग भी किया जाये। इसके साथ ही जिले में पुरातत्व विभाग द्वारा स्थित संग्रहालय तथा राज्य संरक्षित सूची में दर्ज स्थलों के बेहतर रख-रखाव, संरक्षण, प्रचार-प्रसार आदि हेतु बनाई गई कार्ययोजना पर भी बैठक में अतिथियों से चर्चा की गई। बैठक में उपस्थिति जनप्रतिनिधियों द्वारा जिले के पर्यटन एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये अपने सुझाव रखे, जिन्हें नोट कर आवष्यक कार्यवाही करने के निर्देष दिये गये।
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