नर्मदापुरम/ प्रदीप गुप्ता/ नर्मदा कॉलेज में सात दिवसीय संकाय विकास प्रशिक्षण का समापन संस्थागत मूल्य और सामाजिक उत्तरदायित्व के व्याख्यान के साथ हुआ। जिसमें प्राध्यापकों ने नैक मूल्यांकन और गुणवत्ता के उन पहलुओं को समझा और आत्म सात किया जो शिक्षण कार्य के साथ औपचारिक और आवश्यक भी हैं। संयोजक डॉ. कमल वाधवा ने स्वागत उद्बोधन में कार्यक्रम की प्रासंगिकता और उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का उद्देश्य नैक के प्रति विशेष बिंदुओं को रेखांकित करना है। मुख्य वक्ता डॉ. स्वागता गुप्ता होलकर कॉलेज इंदौर का व्याख्यान शासन, परिप्रेक्ष्य योजनाएं और शिक्षकों की भागीदारी को पंजीकृत और दस्तावेज संधारित करने पर केंद्रित था। डॉ. कल्पना वीरेंद्र सिंह माधव कॉलेज उज्जैन ने विषय केंद्रित वक्तव्य में कहा कि विद्यार्थियों को सामाजिक, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर की गतिविधियों , त्योहारों और उत्सव से जोड़ने के साथ वर्ष भर चलने वाले शैक्षणिक अकादमिक कैलेंडर के कार्यक्रमों में सहभागिता करना सिखाएं। जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता, स्वतंत्रता सेनानियों और साहित्यकारों को भी आयोजनों में शामिल करें।ताकि वे शिक्षा द्वारा समाज और संस्कृति से जुड़े। उन्होंने प्राध्यापकों के प्रश्नों और जिज्ञासाओं का समाधान भी प्रस्तुत किया । डॉ. मीना कीर , डॉ. नौरा कुमार ने फीडबैक दिए।आइक्यूएसी प्रभारी डॉ. ममता गर्ग ने साप्ताहिक विवरण के साथ प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। डॉ. रवि उपाध्याय ने आभार और डॉ. दिनेश श्रीवास्तव ने संचालन किया। तकनीकी सहयोग चेतना पवार, शाहिद खान, आशीष चतुर्वेदी का रहा। डॉ. एस सी हर्ने, डॉ. विनीता अवस्थी, डॉ. हंसा व्यास, डॉ. कमल चौबे, डॉ. अमिता जोशी, डॉ. ईरा वर्मा, डॉ. एन आर अडलक, डॉ. कल्पना विश्वास, डॉ. अंजना यादव सहित अत्यधिक संख्या में प्रशिक्षणार्थी सम्मिलित हुए।