नर्मदापुरम /प्रदीप गुप्ता/ शासकीय नौकरी में दागी लोग भी है जिन पर कई आरोप लगे हैं और बेदागी भी है पर माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा दसवी और बारहवी बोर्ड परीक्षा के लिए लगाए गए शिक्षकों की ड्यूटी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का मामला सामने आया है। जिले का शिक्षा विभाग बोर्ड परीक्षाओं को गंभारता से नही ले रहा है। विभाग अनुभवी शिक्षकों की बजाय नौसिखियों के हवाले जिले की लाखों बच्चों की परीक्षा कराना चाहता है। दरअसल शिक्षा विभाग ने परीक्षा के लिए ऐसे कर्मचारियों की लिस्ट तैयार कर ली, जिसमें कई पर विभागीय जांच सहित अपराधिक प्रकरण चल रहे हैं और कई नौसिखियां हैं। परीक्षा के लिए नियमानुसार अनुभवी शिक्षकों की डयूटी लगाई जाना चाहिए, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने अनुभवी कर्मचारियों को छोडक़र नौसिखियों की डयूटी का प्रस्ताव तैयार किया है। जिला पंचायत की बैठक में अनुमोदन के पश्चात 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं का काम नौसिखियों के हवाले हो जाएगा।
*डिफाल्टर और दागियों के भरोसे एग्जाम*
बोर्ड एक्जाम में मनमर्जी से ड्यूटी लगाई जा रही है। इसका उदाहरण शाकउमा शाला बनखेड़ी के प्रभारी प्राचार्य शर्मा हैं, जिनकी अनाधिकृत रूप से वित्तीय देयकों पर साइन करने के आरोप में विभागीय जांच चल रही है। जांच में श्री शर्मा ने अपना अपराध स्वयं कबूल किया है, अर्थात वो डिफाल्डर कर्मचारी है इसके बाद भी उनका नाम प्रस्तावित किया गया है। इसी प्रकार उमर्धा के भी नव नियुक्त शिक्षक की कन्या शाला के नव नियुक्त शिक्षक सहित कई ऐसे शिक्षक हैं जो बोर्ड परीक्षा में डयूटी की पात्रता नहीें रखते उनके नाम लिस्ट में शामिल किए गए है।
इनका कहना है—–
बोर्ड परीक्षाओं के लिए सभी शासकीय व राजपत्रित शिक्षकों को ड्यूटी में लगाया गया है। ड्यूटी लिस्ट में यदि किसी डिफॉल्टर शिक्षक का नाम है, तो चेक कराया जावेगा।
एसकेएस बिसेन, जिला शिक्षाधिकारी