नर्मदापुरम/ प्रदीप गुप्ता /शिवार्चन समिति के तत्वाधान एवं पूज्य आचार्य सोमेश परसाई के सान्निध्य में सम्पूर्ण मास आयोजित महारुद्राभिषेक में शिवभक्तों को संबोधित करते हुए पूज्य गुरुदेव ने कहा कि व्यक्ति का जन्म, मृत्यु, विवाह आदि भाग्य तब ही लिखा जाता है। जब वह माँ के गर्भ में होता है, हमारे जीवन में सुख दुःख घटना दुर्घटना आदि जो भी घटित होता है। वो सब हमारे नवग्रह की दशा महादशा आदि के कारण होता है और भगवान् शिव नवग्रह के अधिपति हैं। इसलिए केवल भगवान् शिव ही हैं जिनके पूजन मात्र से विधि का लिखा भी मिटाने का सामर्थ्य है। इसलिए ही तो जब किसी को कोई असाध्य रोग होता है तो हमारे वैदिक विद्वान रोगी को महामृत्युंजय आदि प्रयोग की सलाह देते हैं। इसके पश्चात आचार्य श्री ने शुक्ल यजुर्वेद के अंतर्गत रुद्राष्टाध्यायी के श्लोकों की व्याख्या की । इसके पूर्व भगवान् पार्थिवेश्वर महादेव का पूजन अभिषेक हुआ। भगवान् का दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, भांग, भस्म सहित अनेक औषधियों द्रव्यों से अभिषेक हुआ ।रुद्र्पाठ द्वारा भगवान् का दुग्धाभिषेक हुआ । ॐ नमः शिवाय हर हर महादेव व विभिन्न स्तोत्रों द्वारा भगवान् का सुगन्धित पुष्प मालाओं से श्रृंगार किया गया । तत्पश्चात भगवान् की दिव्य महाआरती की गयी ।
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