नर्मदापुरम /प्रदीप गुप्ता /स्वामी विवेकानंद की जयंती 12 जनवरी को युवा दिवस के अवसर पर केसला विकासखंड के सेक्टर 2 की जन अभियान परिषद से सम्ब्रध नवांकुर संस्था नव अभ्युदय द्वारा इटारसी के आदिवासी बालिका छात्रावास में योग सूर्य नमस्कार करवाया गया और बालिकाओं को योग के बारे में जानकारी दी गई। सुमन सिंह ने बालिकाओं को बताया कि जो स्वस्थ है वह हमेशा सुंदर लगेगा। लेकिन अगर कोई सुंदर है तो वह स्वस्थ लगेगा यह बिल्कुल जरूरी नहीं। इसलिए स्वस्थ रहें मस्त रहें और अपनी रोज की जिंदगी में योग को शामिल कर मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ रहें। इसके साथ ही उन्होंने स्वामी विवेकानंद के जीवन पर भी प्रकाश डाला उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानंद जी को पूरे विश्व में सबके सामने लाने का जिन्होंने काम किया उनका नाम है। आलासिंगा पेरूमल, इन्होंने ही 1893 में जब शिकागो मे विश्व धर्म संसद के बारे में पता चला तब इन्होंने सोचा कि हमारे भारत देश से कौन है, जो भारत के वेदांत और हिंदू धर्म के बारे में वहां जाकर अपने विचार रख सकता है। तब उनकी नजर 1892 में स्वामी विवेकानंद पर पड़ी और इन्होंने स्वामी विवेकानंद को जाने के लिए प्रेरित किया। आर्थिक स्थिति अच्छी न होने का कारण उस समय उन्होंने ₹4000 उधार लेकर स्वामी जी को शिकागो भेजा। यहां तक कि बाद में धर्म प्रचार में लगे रहे स्वामी जी को आर्थिक मदद की जरूरत पड़ी, तब आलासिंगा पेरूमल की बीवी ने अपने जेवर गिरवी रखकर पैसे स्वामी जी की मदद हेतु भेजें। जब स्वामी जी शिकागो व अमरीका के अन्य शहरों में वेदान्त और हिंदू धर्म का मर्म आम-आदमी तक पहुँचा रहे थे पर यहाँ भारत में इस बात को मीडिया द्वारा कोई कवरेज नहीं दी जा रही थी। भारत में स्वामी जी के श्रम व वेदान्त का ऐसा अनादर देख आलासिंगा ने देश के कोने-कोने में जाकर लोगों को इस ऐतिहासिक घटना का महत्व साझाया और इसी के साथ स्वामी विवेकानंद व उनका शिकागो भाषण अमर हो गए। साथ ही पथरोटा, घाटली, गौंची तरोंदा, भट्टी, जुझारपुर आदि में भी समितियों ने सूर्य नमस्कार करवाया।
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