इटारसी : विगत कई सालों से इटारसी के सैकड़ो विद्यार्थी एमपी बोर्ड, राज्य ओपन, रुक जाना नहीं की परीक्षाओं के नर्मदापुरम के स्कूलों में परीक्षा केंद्र होने की समस्या से जूझ रहे हैं। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इटारसी के आसपास के परीक्षार्थियों की इन गंभीर समस्याओं के प्रति सालों से कोई जवाब देही तय नहीं है । मुद्दे की बात है कि इटारसी शहर में सी एम राइज स्कूल होते हुए भी प्राइवेट परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा केंद्र का निर्धारण असंवेदनशीलता से नर्मदापुरम कर दिया जाता है जिससे विद्यार्थियों की मूलभूत समस्याओं एवं मानवीय मूल्यों को दरकिनार कर दिया जाता है।
मंडल ने प्रश्न पत्रों में कुल अंकों के लिए प्राइवेट परीक्षार्थियों को भ्रमित किया
माध्यमिक शिक्षा मंडल ने प्राइवेट परीक्षार्थियों को भ्रमित करने की कोई कसर नहीं छोड़ी इनके विषयवार प्रश्न पत्रों में कुल अंक 100 के बजाय 80 अंक का प्रिंटेड किया गया है जबकि प्राइवेट परीक्षार्थीयों के सत्रीय कार्य मूल्यांकन के 20 अंक नहीं जोड़े जाते। अब प्रश्न पत्रों में दिये गए प्रश्नों में 20 अंकों के अंतर को किस प्रकार से मापा जाएगा इसकी कोई रूपरेखा नहीं दिखाई देती ।
गत वर्ष के 10 वीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों को 11वीं में नियमित प्रवेश नहीं दिया गया
पिछले सत्र के दसवीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों को 11वीं में नियमित प्रवेश प्राप्त नहीं हुआ है क्योंकि इसके लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने ऑनलाइन किसी भी सीरीज के नामांकन करने का एडमिशन ऑप्शन ही नहीं दिया परिणामस्वरूप लाखों विद्यार्थी 11वीं नियमित अध्यापन करने से वंचित हो गए। इसके विपरीत दूसरी ओर समस्त शासकीय ओपन स्कूल एवं अन्य राज्यों के शासकीय बोर्ड के प्राइवेट विद्यार्थीयों को नियमित प्रवेश दिया गया। जो बिल्कुल भी समझ से परे दिखाई देता है।
नर्मदापुरम के स्कूलों को परीक्षाओं के केंद्र बनाने से आने वाली मूलभूत समस्याएं
1. इटारसी क्षेत्र के आसपास के ग्रामीण परीक्षार्थियों को नर्मदापुरम पहुंचने के लिए 35 से 40 किलोमीटर तक का सफर करना पड़ता है।
2. पिछले दिनों शिक्षा विभाग के फरमान से बढ़ती ठंड को देखते हुए स्कूलों का प्रारंभिक समय प्रातः 10:00 बजे से कर दिया गया था किंतु इसके परे परीक्षाओं का आयोजन प्रातः 8:40 से कर दिया गया है।
3. सदूर ग्रामीण अंचल के विद्यार्थियों को परीक्षा केंद्र नर्मदापुरम के स्कूलों में पहुंचने के लिए ठंड में प्रातः 7:00 बजे के आसपास निकलना पड़ता है। जब परीक्षा केंद्र इतनी दूरी पर बनाये गए तो परीक्षा के समय का निर्धारण दोपहर की पारी से प्रारंभ होना था।
4. नर्मदापुरम के स्कूलों में यदि परीक्षा केंद्र रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड के पास भी बने होते तो बेहतर होता । किंतु एक परीक्षा केंद्र जुमराती कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बना है जो बस स्टैंड एवं रेलवे स्टेशन से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर है परीक्षार्थियों को आसानी से यहां पहुंचने के आवागमन के साधन नहीं मिल पाते।
5. अकेले परीक्षार्थी इतनी दूरी तय करके अपना परीक्षा की सामग्री बेग में रख कर लाता है किंतु परीक्षा केंद्र के बाहर विद्यार्थियों को बैग रखने के लिए कह दिया जाता है । मजबूरन परीक्षार्थी अपने बैग में कीमती मोबाइल, दस्तावेज रखकर आसपास के होटल, दुकानों में रखने के लिए विवश हो जाते हैं । इससे उनके सामानों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं रहती हैं । परीक्षा केंद्र में परीक्षार्थियों के बेग समान को रखने की जवाबदारी तय करके लॉकर सुविधा देनी चाहिए।
6. मोटरसाइकिल एवं स्कूटी से आने वाले परीक्षार्थियों के लिए किसी भी प्रकार की स्कूल परिसर में वाहन पार्किंग व्यवस्था नहीं की जाती है। उनके वाहन लावारिस अवस्था में सड़क पर खड़े रहते हैं। स्कूल के सामने सड़क मार्ग परीक्षा जारी होने तक अवरुद्ध सा रहता है।
सालों से इन गंभीर कारणों को देखते हुए शिक्षा विभाग को इन परीक्षा केंद्रों की समस्याओं के निराकरण हेतु अभी तक जूं क्यों नहीं रेंग रही यह सोचने वाली बात हैं ।
जिला शिक्षा अधिकारी एस पी सिंह बिसेन का कहना
जिला शिक्षा अधिकारी ने इस मुद्दे पर नर्मदा समय से कहा कि परीक्षा केंद्र का निर्धारण सी ई ओ जिला पंचायत कार्यपालन अधिकारी एवं एस डी एम की सहमति से किया जाता है आगे इन सब कारणों को ध्यान में रखकर परीक्षा केंद्र का निर्धारण किया जाएगा।