नर्मदापुरम / सुरेश कुमार चौबे विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) सोहागपुर द्वारा आरोपी नीरज उम्र-28 वर्ष सोहागपुर को धारा-366 भा.दं.वि. में 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं लैगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(ठ)/6 में 20 वर्ष, 5(अ)/6 में 20 वर्ष एवं 5(झ)/6 में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 10,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी नर्मदापुरम् लखन सिंह भवेदी ने बताया कि अभियोजन कहानी इस प्रकार है कि घटना दिनांक 22.09.2021 को नाबालिग अभियोक्त्री के पिता ने थाना सोहागपुर में रिपोर्ट दर्ज करायी और बताया कि परिवार के सभी लोग रात को 10-11 बजे खाना खाकर सो गये थे, नाबालिग अभियोक्त्री भी अपनी मां के बाजू में सो गयी थी, वह करीब 3 बजे उठा तो देखा कि उसकी पत्नि के बाजू में नाबालिग लड़की नहीं थी, उसने पत्नि को उठाया और आस-पड़ोस व रिश्तेदारों में पूछताछ की, लेकिन वह कहीं नहीं मिली। नाबालिग अभियोक्त्री को कोई अज्ञात आरोपी बहला-फुसलाकर कहीं ले गया है। पुलिस द्वारा रिपोर्ट दर्ज की और नाबालिग अभियोक्त्री की तलाश की गयी। जिसके बाद दिनांक 07.04.22 को जिला ठाणे (महाराष्ट्र) से नाबालिग अभियोक्त्री को ढूंढा एवं तहसील-सोहागपुर लेकर आए और माता-पिता को सुपर्द किया। आरोपी नीरज परसाई नाबालिग को अपने साथ बहला-फुसलाकर महाराष्ट्र ले गया था और उसकी इच्छा व सम्मति के बिना बार-बार बलात्संग किया। पुलिस द्वारा संपूर्ण विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। विशेष न्यायालय सोहागपुर द्वारा आरोपी नीरज को उक्त अपराध में दोषी पाकर 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10000/-रूपये के अर्थदंड से दंडित किया। शासन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सोहागपुर बाबूलाल काकोड़िया द्वारा प्रकरण में पैरवी की गयी।
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