आने वाले आंशिक सूर्यग्रहण को लेकर वैज्ञानिक अनुप्रयोगों का परिपालन जरूरी – बी एल मलैया
इस सूर्य ग्रहण को देखने के लिए बच्चों एवं आम लोगों में जन जागरूकता जरूरी – डॉ प्रताप सिंह वर्मा
इटारसी : आंशिक सूर्यग्रहण के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण बढ़ाने के लिए रानी अवंती विद्या निकेतन हायर सेकेंडरी स्कूल इटारसी में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस माह 25 अक्टूबर को होने वाले आंशिक सूर्य ग्रहण के बारे में बच्चों एवं उनके माध्यम से आम लोगों में जागरूकता हेतु प्रशिक्षण बी एल मलैया विज्ञान प्रसार नई दिल्ली से मान्यता प्राप्त फर्स्ट स्टेप विपनेट क्लब कोडिनेटर द्वारा ग्रहण के सभी बिंदुओं, मिथकों और सुरक्षित रूप से ग्रहण देखने की विधियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। ग्रहण की सुंदर तस्वीर क्षण क्षण बदलते हुए दिखाई देती है आमजन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए सूर्य ग्रहण देखना और वैज्ञानिकों से चर्चा करने का अच्छा अवसर होता है ग्रहण से प्रकृति को बारीकी से जानने का अवसर मिलता है। सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से देखना हानिकारक होता है सूर्य से निकलने वाले विकिरण में इंफ्रारेड एवं अल्ट्रावायलेट जैसी घातक तरंगे चंद्रमा की कोर से टकराकर और अधिक हानिकारक हो जाती है इससे हमारी आंखों का रेटिना क्षतिग्रस्त हो जाता है और आंखों की रोशनी सदैव के लिए चली जाती है इसीलिए ग्रहण को अप्रत्यक्ष रूप से देखना चाहिए।
आमजन को ग्रहण को सुरक्षित रूप से देखने के तरीकों की जानकारी नहीं है। अज्ञानता के कारण आमजनों के द्वारा असुरक्षित विधियों से ग्रहण को देखने से उनकी दृष्टि क्षमता को भारी क्षति पहुंचती है जिसका लोगों को आभास भी नहीं हो पाता है इसी के साथ ही ग्रहण के बारे में भ्रांतियां अंधविश्वास फैला है इन्हीं भ्रांतियों के कारण सुरक्षित विधि से ग्रहण देखने हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया। रानी अवंती विद्या निकेतन हायर सेकेंडरी स्कूल इटारसी के प्राचार्य श्री प्रताप सिंह वर्मा ने बताया कि इस माह होने वाले आंशिक सूर्यग्रहण एवं अन्य जानकारी प्राप्त कर बच्चें समाज में जागरूकता अभियान चलायेंगे। इस अवसर पर शाला स्टाफ एवं अन्य आमजन उपस्थित थे।
प्रयोग के माध्यम से ग्रहण देखने के तरीके बताए
1. पिनहोल कैमरा
2. आइना प्रतिबिंब
3. सौर फिल्टर और मिरर सन प्रोजेक्टर