इटारसी : वर्ष 1960 में इटारसी के पंडित द्वारिका प्रसाद भारद्वाज ने जयस्तंभ के पास एक मेडिकल स्टोर चलाने के साथ ही गौ सेवा का संकल्प लिया। आज भले ही इनकी उम्र 93 वर्ष की हो गई हो यह परंपरा को पुत्र रूपी वृक्ष ने फल देना शुरू कर दिया है। एक पुत्र चिकित्सा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश में लोगों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचा रहा है तो दूसरा पिता के सपनों को सहेज कर उसे मूर्त रूप प्रदान कर रहा है। आज 16 गायों के साथ औषधीय वृक्ष और देश के विकास में सहायक मुख्य बिंदु शिक्षा की अलख जगा रहा है। पिता ने दोनों पुत्रों को खून पसीने की मेहनत की कमाई से पढ़ा लिखा कर सरकारी पदों तक पहुंचाया। दोनों पुत्र अपने पिता के सपनों को पूरा करने एवं गौ सेवा के साथ ही औषधीय वृक्ष और बच्चों को निशुल्क शिक्षा की अलख जगा रहे हैं। श्रीप्रकाश भारद्वाज बताते हैं कि मेरे 68 वर्षीय बड़े भाई ओम प्रकाश भारद्वाज एमबीबीएस, बाबई में चिकित्सक हैं। मैं सिविल इंजीनियर हूं और दोनों भाई मिलकर अपने पिता के मार्गदर्शन में सारे कार्य करते हैं।
जमीन के बड़े हिस्से में है गौशाला और बाग
50 बाइ 80 के 1 बड़े हिस्से में दो भागकर एक हिस्से में गौशाला और दूसरे हिस्से में औषधीय वृक्ष आज वातावरण को सुगंधित कर रहे हैं। गाय का दूध यह बेचते नहीं है। गिलोय, नीम, बेलपत्र, मुनगा आदि पौधे आज वृक्ष का रूप ले चुके हैं। बिजली-पानी, भूसा, खली, चुनी आदि का विशेष प्रबंध है।
गरीब कन्याओं की शादी में भी सहयोग
साईं कृष्णा रिसोर्ट के सेवक अशोक अग्रवाल बताते हैं कि गरीब कन्याओं के विवाह भी भारद्वाज परिवार के बजट के अनुसार किया जाता है। इसके लिए इटारसी का कोई भी गरीब परिवार उनसे सहयोग के लिए संपर्क कर सकता है। इटारसी की श्रीजी गौशाला न्यास कॉलोनी में भी भारद्वाज फैमिली गायों की उन्नति के लिए प्रयत्नशील रहती है। उनका मानना है कि बच्चों के जन्म दिवस और वैवाहिक वर्षगांठ कार्यक्रम गायों के बीच मनाने से घर में संपन्नता आती है। सेवक अशोक अग्रवाल ने बताया कि श्री हनुमान कॉन्प्लेक्स के तालाब के सामने पंडित की बिटिया, केसला परिवार के चौधरी की बिटिया, तवानगर के ढेमोले परिवार की बिटिया की शादी कराई गई है। ऐसे ही हर साल कई बिटिया की शादी में भारद्वाज परिवार का आर्थिक सहयोग मिलता रहता है।
मां कमला देवी मिडिल स्कूल में फ्री शिक्षा
30 बाई 80 के जमीन पर 3 मंजिला इमारत में मां कमला देवी मिडिल स्कूल की स्थापना की गई है। इसमें श्रीप्रकाश ने अपने पिता से किराए पर यह भवन ले रखा है। सोच अच्छी हो तो सहयोगी भी उसी व्यवहार के मिल जाते हैं। 6 शिक्षक निशुल्क अपना श्रमदान कर 17 बच्चों को फ्री शिक्षा दे रहे हैं। श्रीप्रकाश कहते हैं कि कोई गरीब बच्चा कभी भी यहां आकर शिक्षा ग्रहण कर सकता है।
बाबूजी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे शिक्षक
मां कमला देवी मिडल स्कूल के शिक्षक मुकेश झा, अलका, हर्षिता, सुनीता मालवीय, प्राची राजपूत आदि ने बताया कि बाबूजी की सार्थक सोच में बतौर सिपाही उनके साथ हम लोग चल रहे हैं। अपना श्रमदान कर बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में शामिल करने का एक छोटा प्रयास है।