इटारसी : स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के अवसर पर राष्ट्र के विकास में युवाओं का महत्व और आजादी का अमृत काल के दौरान उनकी भूमिका और व्यापक जागरूकता पैदा करने के लिए कन्या महाविद्यालय में राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य एवं प्राध्यापकों द्वारा स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. आर. एस. मेहरा ने बताया कि स्वामी जी के विचार भारत के ही नहीं बल्कि विश्व के युवाओं के लिए प्रासंगिक एवं अनुकरणीय है। शिक्षा मनुष्यता की क्षमता का प्रदर्शन करती है जो मनुष्य में आत्मविश्वास एवं आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती है तथा शिक्षा से व्यक्तित्व का निर्माण, जीवन जीने की दिशा एवं चरित्र का निर्माण होता है।
डॉ. हरप्रीत रंधावा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी के कथन *जागो उठो और तब तक चलते रहो, जब तक कि लक्ष्य प्राप्त ना हो जाए* को आज के युवा को अपने जीवन का मूल मंत्र बना लेना चाहिए। डॉ. संजय आर्य ने बताया कि राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य युवाओं को राष्ट्रीय निर्माण के लिए प्रेरित करना है। आज के युवा ऊर्जा का स्रोत है, अगर युवाओं की उन्नत ऊर्जा को सही दिशा प्रदान कर दी जाए तो राष्ट्र के विकास को नए आयाम मिल सकते हैं। अगर किसी के जीवन का कोई लक्ष्य नहीं है तो उसका जीवन व्यर्थ है। श्री स्नेहांशु सिंह ने बताया कि हमें अपने चरित्र निर्माण के लिए हमेशा पाँच सूत्र याद रखना चाहिए आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता, आत्मसंयम, आत्मज्ञान एवं आत्म त्याग। इसी से ही व्यक्ति स्वयं के व्यक्तित्व तथा देश और समाज का निर्माण कर सकते हैं। डॉ. शिरीष परसाई ने कहा कि भारत के गौरव को विश्व में उज्ज्वल करने वाले, प्रत्येक भारतीय के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद जी ने पूरे विश्व को भारतीय संस्कृति के मूल्यों से समृद्ध किया और अपने प्रेरक विचारों से युवाओं में राष्ट्र निर्माण के लिए एक नई चेतना का संचार किया।
इस अवसर पर डॉ. हरप्रीत रंधावा, श्रीमती मंजरी अवस्थी, श्री रविन्द्र चौरसिया, डॉ. संजय आर्य, श्री स्नेहांशु सिंह, अमित कुमार, श्रीमती पूनम साहू, डॉ. श्रद्धा जैन, डॉ. शिरीष परसाई, डॉ. नेहा सिकरवार, कु. रश्मि मेहरा, कु.क्षमा वर्मा, कु. प्रिया कलोसिया, तरुणा तिवारी, श्रीमती शोभा मीना, श्री हेमंत गोहिया एवं छात्राएँ उपस्थित थी।