इटारसी : पिछले वर्ष से नगर पालिका परिषद इटारसी का गणतंत्र दिवस समारोह विवाद की सुर्खियों में रहा है। गत वर्ष में हिंदू धर्म संस्कृति से जुड़े भगवान भक्ति भाव के गीतों पर सामूहिक नृत्यों को निर्णायकों ने ऑडिशन में ही बाहर कर दिया था मजेदार बात तो यह ओर हो गई की विशेष प्रस्तुति में भगवान भक्ति भाव के तीन सामूहिक नृत्यों की प्रस्तुतियो को स्वीकार कर लिया गया। नतीजतन कार्यक्रम का समय हद से ज्यादा लंबा हो गया। विशेष प्रस्तुतियों में कार्यक्रम को चयनित करने का आधार और उसका विधान क्या है इसका प्रशासन के पास कोई मापदण्ड तय ही नहीं है। इस वर्ष गणतंत्र दिवस सांस्कृतिक कार्यक्रम में चयन समिति का चयन मानो ऐसा लगता है कि मंदबुद्धि ज्ञान के आधार पर किया गया हो। चयन समिति के मुख्य समन्वयक ऐसे स्कूल प्राचार्य या स्कूल संचालक को बना दिया गया जिनके स्कूल स्वयं इन सांस्कृतिक कार्यक्रम में सम्मिलित रहते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रम चयन समिति इस प्रकार से तैयार की जाती है कि फिर से नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव वार्ड पार्षदों द्वारा किया जाना हैं। नृत्य, कला, संगीत से जुड़े हुए लोगों को चयन समिति में ना रखा जाना हास्यास्पद हैं । कार्यक्रम की मुख्य रूपरेखा बैंड प्रदर्शन के गोद लिए हुए स्कूलों की महिमा मंडन को प्रदर्शित करने का ही दिखाई देता है। ऐसा लगता है कि मानो नगर पालिका प्रशासन गणतंत्र दिवस में इन स्कूलों की कठपुतलियां बना हुआ है । इस प्रकार के नगर पालिका प्रशासन के कार्यों से इस वर्ष सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं पी टी मैं भाग लेने वाले स्कूलों की संख्या भी पिछले वर्ष से कम दर्ज हुई है। इस वर्ष 8 जनवरी 2024 को नगर पालिका कार्यालय सभा कक्ष इटारसी के स्कूलों की बैठक हुई थी उसमें मुख्य नगर पालिका अधिकारी रितु मेहरा उपस्थित थी किंतु नगर पालिका अध्यक्ष उपस्थित नहीं थे स्कूल प्राचार्यों को संज्ञान में ना लेकर मीटिंग के प्रस्ताव पारित करवा देने पर प्रशासन की तानाशाही पर सवालिया निशान उठता है। कार्यक्रम की रूपरेखा वन मैन आर्मी के द्वारा बनी हुई दिखाई देती हैं।
लड्डू वितरण में मनमानी
गौरतलब हैं कि इस बार नगर पालिका इटारसी गणतंत्र दिवस समारोह के लिए जो ठेका निकाला था वह पिछले वर्षो से लाखों रुपये के ज्यादा का हैं। सूत्रों के हवाले से जिन्होंने लागत से कम राशि का टेंडर दिया था उनके टेंडर पास ही नहीं हुए। संबंधित अधिकारी ने फाइनेंस बिट ही ओपन नहीं की अतः संबंधित अधिकारी के इस कार्य से अपने लोगों को फायदा पहुंचाना स्पष्ट है। अब बात करें नगर पालिका प्रशासन द्वारा वितरित होने वाले लड्डुओं की तो इस बार तो हद यह हो गई कि स्कूलों ने लड्डुओं की कुल संख्या दी थी किन्तु लड्डू के बक्सों में निर्धारित संख्या से अनेको लड्डू कम पाए गए और वितरितकर्ता ने बदतमीजी से आरोप यह लगा दिया गया की स्कूल वालों ने बीच रास्ते में लड्डू निकाल लिए । शायद ठेकेदार द्वारा लड्डूओं की पूर्ति नहीं हो पा रही होगी ओर आगे इन लड्डुओं की गुणवत्ता व क्वालिटी की बात ही ना करें तो बेहतर होगा ।
कोरोना में खोए हुए वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान भूले
अब बात करें नागरिकों के सम्मान की तो इस मैं भी प्रशासन फिसड्डी ही साबित हुआ। इटारसी नगर पालिका प्रशासन ने विगत 2 वर्षों से कोरोना में खोये हुए वरिष्ठ नागरिकों को ऐसे भुला दिया जैसे गधे के सर से सींग। कोरोना में खोए हुए इटारसी के वरिष्ठ बुद्धिजीवी नागरिकों का सम्मान होना अति आवश्यक था।
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने किया विरोध
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के संभागीय अध्यक्ष डॉ प्रताप सिंह वर्मा ने नगर पालिका प्रशासन की इन कार्यों का संज्ञान लेकर घोर विरोध किया है। इस संबंध में नगर पालिका प्रशासन, कलेक्टर महोदय, नगरी प्रशासन मध्य प्रदेश भोपाल को इन सभी विवादास्पद निर्णयों को लेकर ज्ञापन प्रस्तुत करेगा ताकि आगामी वर्षों में इन सब विवादास्पद कार्यों के बगैर गणतंत्र दिवस कार्यक्रम गरिमा के साथ इटारसी के सभी स्कूल संस्थाओं के सहयोग से समरसता से सम्पन्न हो सके। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने यह भी कहा कि यह राष्ट्रीय कार्यक्रम जिला प्रशासन के गणतंत्र दिवस कार्यक्रम की तर्ज पर समरसता के साथ सारगर्भिता से कराया जाना अति आवश्यक है।