नर्मदापुरम / शासकीय गृहविज्ञान स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय में दिनांक आज 4 जनवरी 2024 दिन शनिवार को संभाग स्तरीय एकल एवं समूह गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। संभाग स्तर पर आयोजित इस प्रतियोगिता में प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को राज्य स्तर पर सहभागिता करने का अवसर प्राप्त होगा।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. श्रीमती कामिनी जैन ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि गायन हमारी लोक संस्कृति का परिचायक है। संभाग स्तरीय प्रतियोगिता में संभाग भर के विद्यार्थी सहभागिता कर रहे हैं। भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित विभिन्न प्रतियोगिताएं युवा पीढ़ी को मौलिक परंपराओं से पुनः जोड़ रही हैं । भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित इन प्रतियोगिताओं की श्रृंखला का मूल उद्देश्य अपनी परंपरा को आत्मसात करना , नैतिक गुणवत्ताओं को बढ़ाना, व्यक्तित्व और चरित्र को मजबूत बनाना है। हमारी प्राचीन परंपराओं और रीति-रिवाज में गायन का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि हर अवसर पर लोक गीत गाए जाते हैं। इस प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने हमारी प्रचलित लोक शैली में मौलिक गीतों की प्रस्तुति दी है, यह अत्यंत प्रसन्नता का विषय है। लोकगीत गायन में एकल में प्रथम बैतूल महाविद्यालय के शुभम बारसकर, द्वितीय स्थान पर हरदा महाविद्यालय की हर्षिता भोरगे एवं तृतीय स्थान पर गृह विज्ञान महाविद्यालय की अंजलि श्रोति रही। समूह गायन में प्रथम स्थान पर नर्मदा महाविद्यालय के नानक महिपाल एवं समूह, द्वितीय स्थान पर शासकीय महाविद्यालय भैंसदेही की काजल धोटे एवं समूह एवं तृतीय स्थान पर शासकीय गृह विज्ञान महाविद्यालय का अंजलि श्रोति एवं समूह रहा। विजेता विद्यार्थियों को ट्रॉफी एवं प्रमाणपत्र तथा सहभागिता करने वाले विद्यार्थियों को मेडल प्रदान कर सम्मानित किया गया। गायन प्रतियोगिता में संगीत विभाग के प्रेमकांत कटंगकार ने अपना सक्रिय एवं सराहनीय सहयोग प्रदान किया। निर्णायक के रूप में ओ पी शर्मा, श्रीमती रेखा रतनानी, अथर्व दुबे ने अपनी गरिमा में उपस्थिति प्रदान की। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. मनीषा तिवारी ने एवं आभार डॉ. रागिनी सिकरवार ने किया। भारतीय ज्ञान परंपरा कार्यक्रम संयोजक डॉ. हर्षा चचाने नें विद्यार्थियों का उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि गौरव का विषय है कि भारतीय ज्ञान परंपरा की विभिन्न प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर सहभागिता की एवं हमारी प्राचीन परंपरा को आत्मसात किया। सहसंयोजक डॉ. रामबाबू मेहर ने राज्य स्तर पर होने वाली भारतीय ज्ञान परंपरा की विभिन्न प्रतियोगिता की नियमावली से विद्यार्थियों को अवगत कराकर उज्जवल भविष्य की कामना प्रेषित की। इस अवसर पर डॉ. वर्षा चौधरी, डॉ. पुष्पा दुबे , डॉ. भारती दुबे, डॉ. आर बी शाह, डॉ. संध्या राय , डॉ. श्रुति गोखले , डॉ. अनिल रजक, डॉ. घनश्याम डेहरिया , डॉ. कीर्ति दीक्षित, डॉ. रीना मालवीय , डॉ. विजया देवासकर, श्रीमती आभा वाधवा, डॉ. निशा रिछारिया, शैलेंद्र तिवारी, डॉ. हेमंत चौधरी, डॉ. श्रद्धा गुप्ता , श्रीमती नीलम चौधरी, डॉ. मधु विजय, डॉ. एकता गुप्ता, डॉ. प्रगति जोशी, डॉ. प्रीति मालवीय , श्रीमती विमला कदम, श्रीमती शिवानी जोशी, श्रीमती अंकिता तिवारी, श्रीमती अनीता त्रिपाठी, श्वेता वर्मा, धीरज खातरकर, डॉ. मनीष चन्द्र चौधरी , डॉ. आशीष सौहगोरा महाविद्यालय का स्टाफ एवं भारी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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