नर्मदापुरम / जनसुनवाई में पहुंचे सेवानिवृत्त होमगार्ड सिपाही अपनी समस्याओं को लेकर कई वर्षों से अपने हक को मांग रहे नही मिल पा रहा न्याय । होमगार्ड सिपाही ललित यादव ने बताया कि संपूर्ण मध्य प्रदेश होमगार्ड विभाग के सेवानिवृत्ति सैनिक आपदा दूतों ने वर्ष 1947 से स्वतंत्र भारत के सभी जिलों में वर्षा अपनी कर्मस्थली होमगार्ड विभाग, मध्य प्रदेश शासन, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन को बिना संसाधनों के हर क्षेत्र की विषम परिस्थितियों जैसे लाइन ऑर्डर कानून व्यवस्था, प्राकृतिक बाढ़ आपदा के समय बचाव राहत कार्य के माध्यम से हजारों लोगों की जान-माल की रक्षा भारतीय लोकतंत्र के लोकसभा विधानसभा चुनाव डयूटी, कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में अपनी जान जोखिम में डालकर अपने कर्तव्य पथ पर हमेशा अडिग रहे। उसके बाद भी होमगार्ड विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा हमेशा सैनिकों की उपेक्षा की गयी। वर्तमान डीजीपी होमगार्ड सहित अन्य पूर्व तत्कालीन डीजीपी होमगार्ड के द्वारा समय-समय पर सैनिकों के पक्ष में शासन को जो न्याय उचित प्रस्ताव भेजे गये उन पर विभागीय अधिकारियों ने हमेशा शासन को गलत जानकारी के चलते अमल नहीं होने दिया गया। जिससे त्रस्त होकर सैनिकों ने माननीय न्यायालय की शरण ली सभी जिलों से अलग-अलग अनेकों याचिकाएं माननीय उच्चतम न्यायालय हाईकोर्ट जबलपुर में दायर की गयी। जिसके फलस्वरूप अंतिम सुनवाई पर देश की सर्वोच्च न्यायपालिका माननीय न्यायालय सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के द्वारा वर्ष 2011 में सैनिकों के पक्ष में आदेश पारित कर होमगार्ड विभाग को नये नियम बनाकर काल आफ रोटेशन प्रणाली पूर्णतः बंद कर 12 महीने डियूटी पर रखने तथा शासन द्वारा पुलिस आरक्षक को मिलने वाली सारी सुविधाएं सैनिकों को देने का आदेश पारित किया गया था। लेकिन 14 वर्ष बीत जाने के बाद इक्कीसवी सदी के भारत अमृत महोत्सव काल में विभागीय अधिकारियों द्वारा न के बराबर कुछ सुविधाएं सैनिकों को देकर फिर वही अंग्रेजी मानसिकता वर्ड माइ ला विभागीय अंग्रेजी कानून नियम 2016 बनाकर दो विधान दो नियम कानून विसंगतियों के चलते 35 से 40 वर्षों तक सेवा देने वाले सैनिकों का शोषण करके उनके मौलिक हक अधिकारों का हनन करते हुए मानसिक तथा आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया। साथ ही वर्दी के नाम पर शासन की सारी सुविधाओं से वंचित रखा। जिसके कारण आज कई सैनिक परिवार घाटों पर भीख मांगकर मेहनत मजदूरी करके अपने परिवारों का भरण-पोषण कर रहे हैं। जबकि विभागीय अधिकारी शासन से प्राप्त सारी सुविधाओं जैसे सेवानिवृत्त आयु 62 वर्ष, पेशन, पीएफ सहित परिवार को मिलने वाली भी हर सुविधाओं का लाभ ले रहे है। जिसके कारण होमगार्ड सैनिक परिवारों में भारी रोष व्याप्त है। सभी सेवानिवृत्त सैनिक भी विभाग में शासन द्वारा स्वीकृत स्थायी नियमित बल के कर्मचारी रहे हैं जिनकी विभाग में स्वीकृत बल संख्या 16,500 हैं। सैनिक परिवार के सदस्य प्रेमनारायण दीक्षित, बद्रीप्रसाद कौरव, ललित मोहन यादव सहित अन्य साथियों ने बताया कि आज जिला नर्मदापुरम वर्ष 2011 के बाद सेवानिवृत्त हुए सैनिकों ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को अपनी मुख्य मांगे पुलिस आरक्षक के समान अर्धवार्षिक शासकीय सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 करने, पेशन सुविधा प्रदान करने, पीएफ देने सहित अन्य महत्वपूर्ण मांगों का आवेदन पत्र सौंपकर निकट भविष्य में शीघ्र ही न्याय उचित मांगो को पूरा करने का आग्रह किया । हाल ही में 15 अगस्त 2025 को नर्मदापुरम जिले के होमगार्ड सिपाही श्याम सिंह राजपूत को उसके सराहनीय कार्यों के चलते मिलेगा राष्ट्रपति पुरुस्कार से होंगे सम्मानित, इनसे पहले भी कुछ सिपाहियों को राष्ट्रपति पुरुस्कार द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।