

इटारसी / आज अखिल भारत हिंदू महासभा ने एसडीएम के नाम का ज्ञापन तहसीलदार शक्ति सिंह तोमर को सौंपा। जिसमें कहा गया कि इटारसी स्टेशन के प्राचीन हनुमान मंदिर एवं एवं सूरजगंज चौराहा पर स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर का स्थानान्तरण किया जा रहा है जो कि नंदनीय एवं गलत है, लाखों लोगो के श्रद्धा के साथ खिलवाड किया जा रहा है जो कि बिल्कुल भी उचित नहीं है। इसके विरोध स्वरूप आज दिनांक 11 सितंबर 2025 को प्रातः 11 बजे मंदिर के सामने हिंदू महासभा एवं विश्व हिंदू परिषद के साथ सकल हिंदू समाज द्वारा धरना प्रदर्शन किया जाएगा। ज्ञापन मे बताया गया कि रेलवे स्टेशन के सामने स्थित प्राचीन मंदिर के पीछे से 20 फुट का अतिक्रमण किया है जो कि एक रोड के लिये पर्याप्त है और पहले से रोड है तो फिर मंदिर को हटाया जाना कहां तक उचित है ? मंदिर को हटाने के जगह अगर अतिक्रमण हटाकर रोड को बना दिया जाए तो भी ट्रैफिक की समस्या से निजात मिल सकती है, पेट्रोल पंप का नीलम होटल के आगे तक का अतिक्रमण किया गया है जहां से मंदिर के पीछे की 20 फुट की रोड निकल सकती है। यह बात स्पष्ट नहीं हो रही है कि शासन मंदिर के उपर ही कार्यवाही के लिये अडिग है जबकि वहां से माल गोदाम को विस्थापित किया जा रहा है।
साथ ही प्रथम श्रेणी में जो मंदिर के पीछे अतिक्रमण किया गया है उसको हटाया जाय जो कि शहर के वरिष्ठ व्यापारीयों को प्रतिष्ठान है एवं व्यवसायिक है। हमसे कहा गया था कि मंदिर का छज्जा पीछे से 3 फुट निकाल दिया गया है एवं कॉलम खड़े कर दिये गये हैं। क्या यह कार्य व्यापारीयों को लाभ दिलाने के उद्देश्य से नहीं किया जा रहा है ? क्या निर्माण करने के दौरान इन बातों को ध्यान रखना उचित नहीं था कि भविष्य में इस प्रकार से किस प्रकार की स्थिति निर्मित होगी ? क्या प्रशासन का उद्देश्य खाली उद्योगपातियों और व्यसायीयों को लाभपहुंचाना ही मात्र रह गया है ? श्रद्धालुओं की आस्था का उनके सामने कोई महत्व नहीं है ?
साथ कहा गया था कि मंदिर का निर्माण नजूल की जगह पर किया जा रहा है तो फिर यह बात कहां से पैदा हो रही है कि गोठी परिवार के द्वारा मंदिर निर्माण के लिये जगह दान दी जा रही है। क्या गोठी परिवार के द्वारा जो धर्मशाला संचालित की जा रही है वह उनकी पुश्तैनी जमीन है या फिर दान स्वरूप धर्मशाला बनाने के लिये दी गई है ?
अतः मंदिर निर्माण जो किया जा रहा है वह किसकी अनुमति से बनाया जा रहा है. इसके पीछे जो भी निर्माण राशी कितनी लग रही है एवं उसकी व्यवस्था किस माध्यम से की जा रही है। साथ ही मंदिर का जो निर्माण होने जा रहा है उसका नजरी नक्शा सार्वजनिक किया जाना आवश्यक है। एक बड़े होर्डिंग के माध्यम से फ्लेक्स लगाकर मंदिर निर्माण का नजरी नक्शा, निर्माण में की जाने वाली सामग्री, निर्माण में लगने वाली राशी सभी जानकारी सार्वजनिक रूप से फ्लेक्स पर प्रिंट के माध्यम से दर्शायी जाना चाहिए अगर स्पष्टीकरण नहीं दिया जाता है तो संगठन न्यायालय में जाने के लिये बाध्य है ।
इन सभी बातो को ध्यान में रखते हुये अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेश महामंत्री कन्हैयालाल रैकवार ने कहा कि जो मंदिर का निर्माण कार्य हो रहा है उसे तत्काल प्रभाव से बंद किया जाये और जो भी मुद्दे हमारे द्वारा उठाये गये हैं पहले उनका निराकरण करें अन्यथा हिन्दू महासभा एवं सकल हिन्दू समाज के द्वारा जन आंदोलन किया जायेगा जिसके समस्त जवाबदारी शासन एवं प्रशासन की होगी । साथ ही इन सभी बातों का सार्वजनिक किया जाना अत्यंत आवश्यक है ताकि आम जन को पूरी जानकारी रहे कि किस प्रकार से निर्माण का कार्य किस रूप में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज दिनांक तक शासन एवं प्रशासन के द्वारा किसी भी हिन्दू संगठन से कोई बात नहीं की गई और न ही कोई विचार विर्मश किया गया है। दैनिक पत्रो के माध्यम से बताया जा रहा है कि हमारे सारे हिन्दू संगठनो से चर्चा हो चुकी है जो सरासर गलत बात है । शासन प्रशासन की किसी भी हिन्दू संगठन से कोई चर्चा नहीं हुई है। ज्ञापन प्रस्तुत करते समय प्रदेश कार्यालय प्रभारी डॉ. प्रताप सिंह वर्मा, जिला अध्यक्ष उदय मसानिया, जिला संत प्रमुख पं. मदन मोहन दुबे, नगर अध्यक्ष जितेंद्र कुमार मालवीय, नगर उपाध्यक्ष अनिल मेहरा, मनोज भट्ट, धर्मेंद्र प्रजापति, विक्की बैटरी, अर्जुन मालवीय, नितिन वर्मा उपस्थित रहे।

