टीकमगढ़ । प्रकरण में शासन की ओर से पैरवीकर्ता विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो एक्ट सहा.जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती नर्मदांजलि दुबे ने प्रेस को प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि मामला थाना बल्देवगढ़ जिला टीकमगढ़ का है। अभियोक्त्री की माँ ने थाना बल्देवगढ़ में रिपोर्ट लेख कराई कि घटना दिनांक 26.03.2018 को उसका पति रोज की तरह बकरियां चराने खेत पर गया था तथा वह और उसकी लड़की अभियुक्त्री घर पर थे। शाम करीब 5 बजे मेरी लड़की स्कूल के पास हैंडपंप पर पानी भरने गयी थी, थोड़ी देर बाद मुहल्ले का एक व्यक्ति उसके पास आया और बोला कि उसकी लड़की को गोलू आदिवासी मोटरसाईकिल पर बैठाकर ले गया है। वह दौड़कर हैंडपंप पर गयी तो उसकी लड़की नहीं मिली, गोलू आदिवासी उसकी लड़की को शादी करने के लिये बहला-फुसलाकर भाग ले गया है। फरियादी की सूचना के आधार पर आरोपी गोलू एवं एक सह आरोपी के विरूद्ध थाना बल्देवगढ़ में धारा 363, 366ए, 376 भादवि एवं धारा 3/4, 5/6 पॉक्सो एक्ट के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कर प्रकरण की विवेचना की गई। विवेचना के दौरान अभियोक्त्री को दस्तयाब कर उसका चिकित्सीय परीक्षण कराया गया। अभियोक्त्री की उम्र से संबंधित दस्तावेज प्राप्त किये गये। आरोपीगण को गिरफ्तार किया गया। डीएनए जांच हेतु अभियोक्त्री के स्तोत्र एवं आरोपी गोलू आदिवासी का रक्त नमूना जब्त कर एफएसएल सागर भेजा गया। संपूर्ण अनुसंधान उपरांत आरोपीगण के विरूद्ध विचारण हेतु अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। संपूर्ण विचारण उपरांत प्रकरण में आई साक्ष्य, धनात्मक डीएनए रिपोर्ट के आधार पर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी गोलू आदिवासी को दोषसिद्ध ठहराते हुए धारा 3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के अपराध में 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं 10 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। एक अन्य आरोपी को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त किया गया है।

