टीकमगढ़ । प्रकरण की जानकारी देते हुऐ मीडिया सैल प्रभारी एनपी पटेल द्वारा प्रेस को व्हाट्सएप के माध्यम से प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया गया कि उक्त मामला थाना बल्देवगढ़ का होकर पाक्सो एक्ट से संबंधित था जिसमें शासन की ओर से पैरवी, विशेष लोक अभियोजक सहा० जिला लोक अभियोजन अधिकारी नर्मदाजलि दुबे द्वारा की गई। प्रकरण में माननीय न्यायालय द्वारा निर्णय पारित करते हुए आरोपी वीरन लोधी को धारा 376(3) भादवि के अपराध में 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 20 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। घटना के बारे में विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो एक्ट, टीकमगढ़ श्रीमती नर्मदांजलि दुबे ने बताया कि दिनांक 10.03.2019 को अभियोक्त्री की मां द्वारा थाना बल्देवगढ़ में इस आशय का लिखित आवेदन दिया कि रात्रि करीब 9 बजे वह तथा इसकी लड़की अभियोक्त्री खाना खाकर सो रहे थे। रात्रि करीब 10 बजे उसकी लड़की बाथरूम की कहकर बाहर गई और काफी देर तक वापिस नहीं आयी जब उसने आवाज लगाई तो उसका जेठ आया और उन लोगों ने घर के आसपास सभी जगह गाँव मे लड़की की तलाश की लड़की नहीं मिली उसे वीरन लोधी पर शक था कि वह उसकी लड़की को बहला-फुसलाकर भगाकर ले गया है। उक्त लिखित आवेदन के आधार पर संदेही आरोपी वीरन लोधी के विरुद्ध थाना बल्देवगढ़ के अपराध क्र. 94/2019 पर धारा 363, 366 भादवि के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कर प्रकरण की विवेचना की गई। विवेचना के दौरान अभियोक्त्री को दिनांक 16.03.2019 को सोलापुर महाराष्ट्र से संदेही आरोपी वीरन लोधी के पास से ही दस्तयाब किया गया। लड़की के मिलने पर पुलिस ने उसके कथन लिये जिसमें लड़की ने बताया कि घटना दिनांक 10.03.2019 को आरोपी वीरन लोधी उसे अपने साथ ले गया था और उसने कई बार उसके साथ बलात्संग किया है। अभियोक्त्री के कथनों के आधार पर पुलिस द्वारा उसका एवं आरोपी का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया। डीएनए जांच हेतु अभियोक्त्री के स्तोत्र एवं आरोपी वीरन लोधी का रक्त नमूना जब्त कर एफएसएल सागर भेजा गया। लड़की के संबंधित स्कूल से पुलिस द्वारा शैक्षणिक दस्तावेज प्राप्त किये गये संपूर्ण अनुसंधान उपरांत विचारण हेतु अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान अभियोजन के द्वारा कुल 14 अभियोजन साक्षीगण को परीक्षित एवं 20 दस्तावेजों को प्रदर्शित कर प्रमाणित कराया गया। प्रकरण में पीडिता एवं उसके माता-पिता द्वारा अभियोजन घटना के विपरीत पक्ष विरोधी कथन किये गये किंतु प्रकरण में संलग्न पीड़िता के उम्र संबंधी दस्तावेज के आधार पर पीडिता को घटना दिनांक को 12 वर्ष 9 माह की नाबालिग बालिका होना माना गया है संपूर्ण विचारण उपरांत प्रकरण में आई मौखिक एवं दस्तोवजी साक्ष्य एवं धनात्मक डीएनए रिपोर्ट के आधार पर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी वीरन लोधी को दोषसिद्ध ठहराते हुए धारा 376(3) भादवि. में 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 20 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

