टीकमगढ़। नगर की प्रसिद्ध साहित्यिक संस्था वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़ द्वारा विश्वरंग कार्यक्रम 2022 के अंतर्गत आन लाइन कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। अध्यक्षता वरिष्ठ कवि सुभाष सिंघई जतारा ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में विद्या चौहान फरीदावाद रहे व विषिष्ट अतिथि रंगकर्मी व कवि संजय श्रीवास्तव दिल्ली़ रहे। कवि गोष्ठी का शुभारंभ चंसौरिया ने सरस्वती वंदना कर रचना पढ़ी जय हो तुम्हारी जय हो तुम्हारी, संगीत विद्या ज्ञान की देवी स्वीकारिये बंदना ये हमारी।जय हो तुम्हारी जय हो तुम्हारी फरीदाबाद़ से विद्या चौहान ने ग़ज़ल सुनायी-न ही आफताब न चाँद का ये जो नूर मुझमें है आपका। जो झलकता आँख में प्यार बन, वो हुजूर मुझमें हैं आपका सिवनी से कविता नेमा ने पढ़ा फूलों की खुश्बू है बढ़ाती हर पल तेरा निखार है। बुधवारी के चौक में देखों सजा ये जथानी दरवार है बड़ा मलेहरा के डॉ. देवदत्त द्विवेदी ने ग़ज़ल सुनायी- हम ग़मों की गोद में पलते रहे।
लगो फिर भी हमसे जलते रहे टीकमगढ़ से म.प्र.लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने‘ कृष्णा पर दोहे पढ़े कतकारी ढूँढे़ फिर कउँ न मिले भगावान,कान्हा तो भीतर बसे, ज्यों मुरली में तान जतारा से सुभाष सिंघई ने कुत्ते पर व्यंग्य पढ़ा दोनों में फर्क ही क्या है दोनों नेक है, एक दिनभर चीखता है एक रात भर भौंकता है। बल्देवगढ़ के प्रमोद मिश्रा ने सुनाया-जनकपुरी की जुरी लगाई चलो अवधपुर जाँवने, जू घर बनवा रय पाँवने एस.आर सरल ने पढ़ा- मैं नफरतों की लपटों पर, पानी उडेलता हूँ मानवता कमे फूल लिए, पथ में बिखेता चलता हूं दिल्ली से संजय श्रीवास्तव ने पढ़ा माँ के भीतर घर रहता है। घर के भीतर माँ रहती है बारिश,आँधी,तूफां सारे, धरती माँ सी सहती माँ नदनवारा से शोभाराम दांगी ने कविता पढ़ी है इंदियारौ जितै उतै अब, होा जावै उजयारौ। आ गइ आज दिवाइ कैचू घर कौ कूरा झारौ इनके आलावा मीनू गुप्ता,भगवान सिंह लोधी अनुरागी हटा,अंजनी कुमार चतुर्वेदी निवाड़ी,ब्रज भूषण दुवे बक्सवाहा, मोहिनी दुवे बक्सवाहा,रामानंद पाठक नैगुवाँ,आदि ने भी काव्य पाठ किया। कविसम्मेलन का संचालन व अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने किया। प्रेस को यह तमाम जानकारी तमाम जानकारी राजीव नामदेव लिधौरी ने व्हाट्सएप के माध्यम से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी है।

