टीकमगढ़। जिलेभर के कुछ एक तालाबों की उखरा डूबी की जमीनों पर अवैध रूप से अतिक्रमण है ना तो कभी सिंचाई विभाग इस ओर कोई कार्यवाही करता है और ना ही इसको लेकर कोई मुहिम चलाई जाती है शासकीय तालाबों कि उखरा डूबी की जमीनों पर अवैध रूप से दबंग कब्जा कर लेते हैं और उन शासकीय जमीनों का भरपूर लाभ लेते रहते हैं सिंचाई विभाग सहित जिला प्रशासन की कभी कोई कवायद इस ओर दिखाई नहीं देती है और ना ही कोई कार्यवाही की जाती हैं जहां कुछ एक शासकीय तालाबों की उखरा डूबी की जमीने तो अतिक्रमण की चपेट में इतनी ज्यादातर हैं कि उनका रकबा शासकीय फाइलों में कुछ और है लेकिन अब बचा कुछ और , जिन तालाबों की जमीनों पर दबंग अतिक्रमण किए हुए हैं वह उन जमीनों को ऐसे बरतते हैं जैसे कि उनके स्वामित्व की जमीने हों जिला प्रशासन सहित संबंधित सिंचाई विभाग इस ओर गहरी नींद में है जहां कभी भी इस ओर न तो कोई कार्यवाहियां की जाती है और ना ही कोई मुहिम चलाई जाती है जिसको लेकर जिले में कुछ एक तालाबों की उखरा डूबी की जमीने अतिक्रमण की चपेट में हैं। —-अवैध रूप से निकाला जाता है इन शासकीय तालाबों का पानी—– आगामी समय में गेहूं ,चना, सरसों आदि की फसलें बोईं जाना है जिसको लेकर शासकीय तालाबों में अवैध रूप से डीजल पंप इलेक्ट्रिक पंप रखकर लोग बगैर किसी शासकीय परमीशन के धड़ल्ले से तालाबों का पानी निकालते हैं और बेखौफ होकर तालाबों को खाली करते रहते हैं अगर उन तालाबों की नहरों से सिंचाई का रकबा रहता है तो नहरों की सिंचाई पर निर्भर रहने वाले किसान बेचारे हाथों पर हाथ रखे रह जाते हैं और अवैध रूप से दबंग इस तरह तालाबों को खाली करते रहते हैं जिस ओर भी सिंचाई विभाग की कोई कार्यवाही दिखाई नहीं देती है वही ऐसे लोग बिजली भी अवैध रूप से चोरी करते रहते हैं और अपने इलेक्ट्रिक पंप चला कर तालाबों के जल स्तर को कम करते हैं। जहां इस प्रकार से बिजली चुराने वालों के विरुद्ध बिजली विभाग भी वेसुध रहता है।

