नर्मदापुरम / शासकीय गृहविज्ञान स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय में आज गुरुवार को तुलसी जयंती एवं प्रेमचंद जयंती के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन हिन्दी विभाग द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ श्रीमती कामिनी जैन, हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. पुष्पा दुबे, डॉ. श्रुति गोखले, समाजशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष आर के चौकीकर ने मंच पर अपनी गरिमामई उपस्थिति प्रदान की। मां सरस्वती की पूजन, दीप प्रज्ज्वलन एवं सम्मानित मंच के स्वागत सत्कार उपरांत कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. पुष्पा दुबे ने तुलसीकृत रामचरितमानस में राम की के मर्यादित जीवन एवं त्याग पूर्ण व्यक्तित्व को इंगित कर छात्राओं का मार्गदर्शन किया। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. श्रीमती कामिनी जैन ने तुलसी के जन्म की चौपाई श्रावण शुक्ला सप्तमी तुलसी धरयो शरीर को कहते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि जीवन में तुलसी साहित्य के आदर्श का अनुसरण करें। सकारात्मक जीवन शैली को अपना कर मनुष्य अपने श्रेष्ठ विचारों और कार्यों से अविस्मरणीय हो सकता है। कथाकार प्रेमचंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रेमचंद की कहानी आज भी मानस पटल पर अंकित है। छोटी कक्षाओं में ईदगाह, पंच परमेश्वर बूढ़ी काकी , कफ़न कहानी पढ़ी थी जो आज तक जीवन में संवेदनाओं का संरक्षण करती हैं। स्नातकोत्तर हिंदी विभाग भारतीय ज्ञान परंपरा का पर्याय एवं शोध केंद्र है। शोधार्थी विभाग का ग्रंथालय, महाविद्यालय का ग्रंथालय एवं ईबुक्स से लाभान्वित हो सकते हैं। डॉ. श्रुति गोखले ने प्रेमचंद के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए प्रेमचंद की कहानी पंच परमेश्वर का वाचन किया। संगीत विभाग के विभागाध्यक्ष प्रेमकांत कटंगकार ने सरस्वती वंदना एवं रामचरितमानस के दोहे चौपाई की सुमधुर प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. कीर्ति दीक्षित ने एवं आभार डॉ. मधु विजय ने किया। इस अवसर पर डॉ. आर बी शाह, डॉ. रागिनी सिकरवार, डॉ. मनीषा तिवारी , अंश सिंह राजपूत, कुमारी पूजा गोस्वामी महाविद्यालय स्टाफ एवं हिंदी विभाग की छात्राएं उपस्थित रही।
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