टीकमगढ़ । जिले में नाबालिक बालिकाओं की सुरक्षा, दस्तयाबी एवं अपराध की रोकथाम को प्राथमिकता देते हुए पुलिस अधीक्षक मनोहर सिंह मंडलोई द्वारा जिलास्तर पर मुस्कान अभियान संचालित किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य केवल जागरूकता फैलाना ही नहीं, बल्कि बालिकाओं व अभिभावकों को आवश्यक सुरक्षा व्यवहार अपनाने हेतु सक्षम बनाना भी है। पुलिस अधीक्षक द्वारा अभियान अंतर्गत सुरक्षा सावधानियाँ जारी की जा रही हैं ताकि संभावित अपराधों की रोकथाम, त्वरित कार्रवाई तथा जागरूकता सुनिश्चित की जा सके
—मोबाइल एवं संचार सुरक्षा— स्पीड डायल में आवश्यक नंबर-112, 1098, 1090, अभिभावक, पड़ोसी आदि अवश्य सेव करें। ,पुलिस के अनुसार, आपात स्थिति में पहला 30 सेकंड अत्यंत महत्वपूर्ण होता है इसलिए त्वरित कॉल की सुविधा बेहद उपयोगी होती है। मोबाइल फोन का लोकेशन जीपीएस ऑन रखें, ताकि आवश्यकता पड़ने पर पुलिस लोकेशन ट्रैक कर सके।—-सोशल मीडिया सुरक्षा एवं साइबर सतर्कता—अनजान प्रोफाइल से फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें; कई मामलों में अपराधी फर्जी अकाउंट से विश्वास जीतने की कोशिश करते हैं। निजी जानकारी घर का पता, स्कूल की लोकेशन, रूटीन, फोटो सार्वजनिक करने से बचें इससे अपराधियों को अनावश्यक जानकारी मिल सकती है। किसी भी प्रकार की साइबर बुलिंग, ब्लैकमेल या ऑनलाइन हरासमेंट की स्थिति में तुरंत पुलिस को सूचित करें। पुलिस साइबर सेल ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई कर सकती है।—-यात्रा एवं आवागमन सुरक्षा—-सुनसान स्थानों, खाली मैदानों या निर्जन रास्तों से अकेले न गुजरें। पुलिस विश्लेषण के अनुसार अपराध अक्सर ऐसी जगहों पर होते हैं जहाँ भीड़-भाड़ कम होती है। स्कूल आने-जाने के समय विश्वसनीय परिवहन का उपयोग करें और यदि संभव हो तो समूह में यात्रा करें।
—सार्वजनिक स्थानों पर सतर्कता—-बस स्टैंड, पार्क, मार्केट, स्कूल के बाहर इत्यादि सार्वजनिक स्थानों पर किसी संदिग्ध व्यक्ति,वाहन पर नजर रखें। यदि कोई व्यक्ति अनावश्यक रूप से पीछा कर रहा हो या बातचीत का दबाव बना रहा हो, तो तुरंत आसपास मौजूद सुरक्षा कर्मी या पुलिस को सूचित करें।—परिवार और अभिभावकों के लिए विशेष सलाह—अपने बच्चों की दिनचर्या, मित्र मंडली एवं ऑनलाइन गतिविधियों पर संवेदनशील निगरानी रखें।
बच्चों के साथ सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श तथा जोखिमपूर्ण परिस्थितियों के बारे में नियमित चर्चा करें।अभिभावक बच्चों को शर्म या डर के कारण बात छुपाने से रोकें—पुलिस कार्रवाई तभी प्रभावी होती है जब सूचना समय पर मिले। बच्चों के मानसिक व भावनात्मक सुरक्षा उपाय यदि बच्ची अचानक चुपचाप रहने लगे, डर दिखाए, स्कूल से बचने लगे या मोबाइल छुपाने लगे—ये संकेत गंभीर हो सकते हैं। पुलिस की दृष्टि में कई मामलों में समय पर पहचान से अपराध होने से रोका जा सकता है।
बच्ची के मन में यह विश्वास विकसित करें कि किसी भी समस्या पर तुरंत परिवार और पुलिस से सहायता ली जा सकती है। किसी भी संदिग्ध या त्वरित स्थिति में क्या करें?
डायल 112 पर तत्काल कॉल करें यह आपकी सबसे तेज़ सुरक्षा सेवा है। यदि बच्चा घर से गायब हो जाए, *पहले 1–2 घंटे सबसे महत्वपूर्ण होते हैं इसलिए देर न करें, तुरंत प्राथमिकी दर्ज कराएँ। पुलिस स्थल निरीक्षण, सीसीटीवी विश्लेषण और डॉग स्क्वॉड जैसी सुविधाओं को तभी उपयोग कर सकती है जब सूचना समय पर मिले।
—-पुलिस की अपेक्षा व सहयोग—- पुलिस का उद्देश्य केवल जागरूकता कार्यक्रम चलाना ही नहीं बल्कि समुदाय आधारित सुरक्षा तंत्र* तैयार करना है।
इसलिए संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत दें। झूठी खबरें,अफवाहें न फैलाएँ और न ही साझा करें स्कूल,कोचिंग,स्थानीय समाजसेवी संस्थाएँ पुलिस के साथ समन्वय बनाकर नियमित सुरक्षा मीटिंग्स आयोजित करें।
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