टीकमगढ़। पुलिस अधीक्षक मनोहर सिंह मंडलोई की अध्यक्षता में 19 नवंबर 2025 को पुलिस कंट्रोल रूम, टीकमगढ़ में बाल अधिकार एवं संरक्षण विषय पर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में किशोर न्याय अधिनियम एवं पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों की विस्तृत जानकारी विभिन्न घटकों—किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समिति, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी तथा स्वयंसेवी संस्थाओं—को प्रदान की गई।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए पुलिस अधीक्षक श्री मनोहर सिंह मंडलोई ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को बच्चों से जुड़े मामलों में कानूनी प्रक्रिया का निर्वहन करते हुए मैत्रीपूर्ण एवं संवेदनशील व्यवहार अपनाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि बच्चों के साथ किसी भी स्थिति में वयस्कों जैसा कठोर व्यवहार नहीं होना चाहिए।
किशोर न्याय बोर्ड की प्रधान मजिस्ट्रेट श्रीमती नूतन रावते ने उपस्थित अधिकारियों को बच्चों के अनुकूल वातावरण तैयार करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी की स्थिति में आयु की अनिवार्य जाँच की जानी चाहिए, और यदि आरोपी 18 वर्ष से कम हो तो उसे जेल न भेजकर किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
विधि सह परिवीक्षा अधिकारी श्री भारत भूषण झा ने किशोर न्याय अधिनियम के महत्वपूर्ण प्रावधानों को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि यह अधिनियम 18 वर्ष से कम आयु के विधि का उल्लंघन करने वाले बालकों तथा देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों पर लागू होता है, जिसके लिए निर्धारित प्रक्रिया वयस्कों से अलग है।
कार्यशाला का सफल आयोजन ग्रामीण स्वावलंबन समिति के सहयोग से पुलिस विभाग द्वारा किया गया। इस दौरान किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यगण डॉ. जया श्रीवास्तव, डॉ. हरिहर यादव, बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष श्रीमती अनुपमा नायक, सदस्य श्रीमती श्वेतनिशा सक्सेना, श्रीमती प्रीति चतुर्वेदी, अनिल पुष्पकार, सुभाषचंद्र वैद्य सहित विशेष किशोर पुलिस इकाई के प्रभारी ज्ञानेंद्र रजक, आरक्षक अरविंद्र यादव, जिले के बाल कल्याण पुलिस अधिकारीगण तथा ग्रामीण स्वावलंबन समिति के जिला प्रोग्राम समन्वयक गोकुल प्रजापति, जिला समन्वयक सुरेन्द्र कुमार, कार्यकर्ता संगीता, गीता, चम्पा आदि उपस्थित रहे
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