टीकमगढ़। पुलिस अधीक्षक मनोहर सिंह मंडलोई की पहल पर संचालित परिवार जोड़ो अभियान आज जिले में उम्मीद, भरोसे और मानवीय संवेदना का प्रतीक बन चुका है। यह अभियान इस विश्वास पर आधारित है कि
हर परिवार का समाधान अदालत में नहीं, संवाद और समझ में छिपा होता है। कानून व्यवस्था का पालन कराने के साथ-साथ टीकमगढ़ पुलिस समाज में संबंधों को जोड़ने और टूटते परिवारों को संभालने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। पारिवारिक विवादों से जूझ रहे कई परिवारों के लिए यह अभियान नई आशा लेकर आया है।
कानूनी प्रक्रिया से पहले पुलिस द्वारा बातचीत, काउंसलिंग और भावनात्मक मार्गदर्शन को प्राथमिकता दी जाती है, ताकि परिवारों को अपने संबंध सुधारने का एक अवसर मिल सके। अब तक जिले में 75 परिवार पुनः एकजुट होने* का निर्णय ले चुके हैं ये केवल संख्या नहीं, बल्कि उन घरों में लौटे सुकून, विश्वास और मुस्कान की कहानियाँ हैं।
दिनांक 21/11/2025 को प्राप्त दो महत्वपूर्ण पारिवारिक शिकायतों में महिला थाना टीकमगढ़ ने अत्यंत धैर्य और संवेदनशीलता के साथ कार्य करते हुए दोनों परिवारों को टूटने से बचाया।—-कविता अहिरवार का प्रकरण—ग्राम खरोई की कविता अहिरवार द्वारा पति और ससुराल पक्ष के विरुद्ध दी गई शिकायत पर दोनों पक्षों को महिला थाना बुलाया गया। थाना स्टाफ ने शांतिपूर्वक बातचीत कर दोनों पक्षों को एक-दूसरे को समझने, गलतफहमियाँ दूर करने और परिवार को पुनः बसाने हेतु प्रेरित किया। पुलिस की समझाइश पर दोनों पक्ष राजीखुशी साथ रहने को तैयार हुए। इस प्रकार एक और परिवार को टूटने से बचाया गया।
—-रामवती राजपूत का प्रकरण—-उत्तर प्रदेश ललितपुर की रामवती राजपूत द्वारा पति व ससुराल पक्ष के खिलाफ शिकायत प्रस्तुत की गई थी। महिला थाना द्वारा दोनों पक्षों को बुलाकर सौहार्दपूर्वक संवाद कराया गया, जिसमें भावनात्मक काउंसलिंग व व्यवहारिक समझाइश दी गई।
पुलिस के प्रयासों से दोनों पक्ष फिर से एक साथ रहने के लिए सहमत हुए।यह परिवार जोड़ो अभियान की निरंतर सफलता का एक और उदाहरण है। महिला थाना टीम ने दोनों मामलों में धैर्यपूर्वक बातचीत,सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण, और आपसी समझ विकसित कर परिवारों को रिश्ते सुधारने की दिशा में प्रेरित किया। जिले में महिला सुरक्षा और परिवारों में सौहार्द बढ़ाने के प्रयासों के सकारात्मक परिणाम स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं।
दोहरे वर्षों में दहेज प्रताड़ना मामलों की स्थिति के अनुसार
वर्ष 2024 मे 95 मामले,वर्ष 2025 मे 47 मामले कुल कमी आई 50.5 प्रतिशत की यह आंकड़ा दर्शाता है कि जिले में महिला सुरक्षा, जागरूकता, संवेदनशील पुलिसिंग और संवाद आधारित समाधान के चलते दहेज प्रताड़ना जैसे गंभीर अपराधों में ऐतिहासिक कमी दर्ज की गई है।
यह उपलब्धि बताती है कि समाज और पुलिस मिलकर एक सुरक्षित, जागरूक और संवेदनशील माहौल बना रहे हैं। महिला थाना टीम में शामिल थाना प्रभारी मथुरा प्रसाद गौड़,उप निरीक्षक धनवंती सहरिया,महिला प्रधान आरक्षक रामसखी अहिरवार का विशेष योगदान रहा। यह अभियान केवल पुलिस की औपचारिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि समाज में आपसी सम्मान, संवाद और भावनात्मक मजबूती को बढ़ावा देने वाला मानवीय आंदोलन है। पुलिस अधीक्षक मनोहर सिंह मंडलोई का कहना है कि हमारा उद्देश्य केवल अपराध रोकना नहीं, बल्कि समाज में विश्वास और समझ की संस्कृति को मजबूत करना है।
जब कोई परिवार टूटने से बचता है, तो वह केवल एक घर नहीं, बल्कि पूरे समाज को सुदृढ़ बनाता है।
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