टीकमगढ़। संविधान दिवस के अवसर पर माननीय श्रीमती प्रवीणा व्यास, प्रधान जिला न्यायाधीश,अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता में संविधान की प्रस्तावना का वाचन सभाकक्ष, जिला न्यायालय परिसर में किया गया। श्रीमती प्रवीणा व्यास, प्रधान जिला न्यायाधीश, अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा उक्त संविधान दिवस के अवसर पर संविधान की प्रस्तावना का वाचन के साथ-साथ उक्त संविधान दिवस के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में 26 नवंबर की अपनी खास अहमियत है। यही वह दिन है जब भारत ने अपने संविधान को अपनाया था। 1946 में संविधान बनाने के लिए संविधान सभा का गठन किया गया और संविधान तैयार करने में 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन लगे। यह 26 नवम्बर 1949 को पूरा हुआ और अपनाया गया। हालांकि भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को पूर्णतः लागू हुआ था। जिसे हम लोग हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। 26 नवंबर को संविधान दिवस के साथ-साथ राष्ट्रीय कानून दिवस भी मनाया जाता है। संविधान की प्रस्तावना के वाचन में प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्री शमरोज खान, विशेष न्यायाधीश श्री अशरफ अली सहित समस्त न्यायाधीशगण, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती सुनीता गोयल, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री अनुज कुमार चंसौरिया, एल.ए.डी.सी.एस. के अधिवक्तागण, न्यायालय एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारीगण उपस्थित रहें। वाचन के पश्चात शास. कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, टीकमगढ़ म.प्र. में संविधान दिवस के अवसर पर विधिक साक्षरता, जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें श्री अनुज कुमार चंसौरिया, जिला विधिक सहायता अधिकारी, टीकमगढ़ द्वारा उपस्थित छात्राओं को संविधान दिवस के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए छात्राओं को साइबर अपराध, मोबाइल दुरूपयोग के संबध्ंा में, पुलिस हेल्पलाईन नंबर 112, चाईल्ड हेल्पलाईन नंबर 1098 तथा निःशुल्क विधिक सहायता योजना के बारे मे विस्तृत जानकारी दी और कार्यक्रम के अंत में संविधान की प्रस्तावना का वाचन कराकर इसके महत्व को समझाया। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकगण तथा अधिक संख्या में छात्रा उपस्थित रही।

