टीकमगढ़।शाला प्रभारी प्रमोद कुमार नापित ने बताया कि शाला के बच्चों ने 14 नवंबर को बाल उत्सव के रूप में मनाया, सबसे पहले शाला में बाल सभा का आयोजन किया जिसमें छात्रा अनुष्का ठाकुर ने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जीवन पर प्रकाश डाला । शिक्षक बिपिन बिहारी यादव ने बताया कि नेहरू जी के जन्मदिन को बच्चे बाल दिवस के रूप में मनाते हैं , इसके बाद शाला प्रभारी नापति ने इस दिवस के ऐतिहासिक महत्व को बताते हुए बताया कि इस दिन महान शिक्षाविद गिजुभाई का जन्मदिन भी है , जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य किया एवम बालकेन्द्रित शिक्षण की पद्धतियों को प्रतिपादित किया , जो आज शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर हैं , गिजुभाई ने शिक्षा और शिक्षण की विधियों को एक नई दिशा दी ।इसके बाद नापित ने बताया कि आज के दिवस को बलिदान दिवस के रूप में भी जाना जाता है सिखों के गुरु गोविंद सिंह ने औरंगजेब से युद्घ मे देश के खातिर अपने चारों बच्चों की कुर्बानी दी , उनकी कुर्बानी को हम आजके दिन बलिदान दिवस के रूप में याद करते हैं । इसके बाद बच्चों ने शाला के पुस्तकालय में जाकर गिजूभाई की पुस्तकों का भी अध्ययन किया । मध्यांतर पश्चात बच्चों ने बाल मेला आयोजित किया जिसमें जसवंत सिंह ठाकुर ने समोसा, चटनी, टॉफी, नमकीन, बिस्किट सहित किराने के सामान की , विक्की सिंह ठाकुर ने लच्छा और चटनी , बिस्किट, सलोनी ठाकुर ने मीठी मीठी जलेबी तो सुनील अहिरवार ने स्वादिष्ट आलू बंडा, दीपेश अहिरवार ने मूंगफली, आंवला चटनी , बिस्किट और युवराज सिंह ठाकुर ने मूंगफली ,नमकीन, आलू बण्डा सहित अपनी-अपनी दुकानों को सजाया, शाला के बच्चों और ग्रामीणों ने इन बच्चों की दुकानों से खरीदारी की और देखते ही देखते इन बच्चों सारा सामान बिक गया, बच्चों ने अपनी-अपनी दुकानें सजाई थी उनको मुनाफा भी हुआ और उन्होंने जाना कि किस प्रकार दुकानदारों को लाभ और हानि होती है इस प्रकार गणित की क्रियाविधि क्रय मूल्य , विक्रय मूल्य, लाभ और हानि की अवधारणा बच्चों में स्पष्ट हुई । बच्चे खुशी खुशी अपने अपने घर को गए इस अवसर पर प्रमोद कुमार नापित सहित आंगनवाड़ी केंद्र कार्यकर्ता मीना सिंह राजपूत आशा कार्यकर्ता भारती ठाकुर प्रीति ठाकुर रसोईया श्यामाबाई ,रुकमणी ,सुमन ,अनीता एवं कई ग्रामीण उपस्थित रहे जिन्होंने बच्चों के द्वारा लगाई गई दुकानों से सामान खरीदा और बच्चों का उत्साहवर्धन किया।

