भारतीय किसान संघ डोलरिया धन परली मक्का एवं सोयाबीन के अवशेष प्रबंधन बाबत तहसीलदार डोलरिया को ज्ञापन सोपा।

डोलरिया भारतीय किसान संघ डोलरिया धन परली मक्का एवं सोयाबीन के अवशेष प्रबंधन खरीफ फसले धान सोयाबीन मक्का की कटाई पूर्ण होने के उपरांत खेत में अवशेषों की सफाई होगी। उसके बाद ही गेहूं, चने एवं अन्य रवि फसलों की बुवाई होगी। इसी बीच प्रशासन द्वारा बिना कोई पूर्व योजना के एक फरमान जारी कर दिया कि धान मक्का एवं सोयाबीन के अवशेष जलाने पर सजा एवं जुर्माना किया जायेगा। जबकि भारतीय किसान संघ भी नहीं चाहता है कि अवशेषों को जलाया जाए। परंतु आज तहसील क्षेत्र में किसानों के पास फसल अवशेष प्रबंधन के उपयुक्त साधन नहीं है। ना ही शासन प्रशासन ने उपलब्ध करवाये। अवशेषों का प्रबंध नहीं होने से आगामी फसलों में फफूंद जनक रोग लगने की संभावना भी होती है और ना ही समय पर चतर आती है। ऐसी अवस्था में किसान पूर्व से परपरागत तरीके से फसलों के अवशेषों का प्रबंधन निष्पादन करते चला आ रहा है।
भारतीय किसान संघ प्रशासन से पराली और फसल अवशेर्पा प्रबंधन के लिए निम्न मांग करता है
प्रत्येक 100 एकड़ जमीन पर पराली प्रबंधन के लिए दो वेलर मशीन दी जाये।
तहसील में सभी जमीन एक ही प्रकार की नहीं होती। जहां मेरा भसुआ मिट्टी है यहां पर प्रबंधन के लिए किसानों को सुपर सीडर उपलब्ध कराई जाये। क्योंकि काली मिट्टी दोमट निट्टी *नं सुपर सीटर से बौनी सफल नहीं है।
जब तक तहसील के प्रत्येक गांव में मांग अनुसार पराली प्रबंधन के संयंत्रों की उपलब्धता सुनिश्चित न की जाये तब तक किसानों के ऊपर एफआईआर करना अव्यवहारिक है। पराली प्रबंधन के सभी संयंत्र किसानों को 90% अनुदान पर उपलब्ध कराया जाये।
